ग्रहों के शिक्षा संबंधी कार्य क्षेत्र –
सूर्य –
नेत्र चिकित्सा, शरीर विज्ञान, प्राणीशास्त्र, राजभाषा, प्रशासन, चिकित्सा, राजनीति, जीव विज्ञान
चन्द्र-
काव्य, नाविक शिक्षा, वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान (जूलोजी), होटल प्रबन्धन पत्रकारिता, पर्यटन, नर्सिंग, डेयरी विज्ञान ।
मंगल –
शल्य चिकित्सा, सैन्य-क्षेत्र, कानून, इतिहास, पुलिस सम्बन्धी प्रशिक्षण, सर्व अभियांत्रिकी, वायुयान शिक्षा, विज्ञान, या अन्य तकनीकी शिक्षा, खेल कूद सम्बन्धी प्रशिक्षण, सैनिक शिक्षा, दंत चिकित्सा ।
बुध –
ज्योतिष, गणित, व्याकरण, शासन की विभागीय परीक्षाएं, पर्दाथ विज्ञान, मनोविज्ञान, हस्तरेखा ज्ञान, शब्दशास्त्र (भाषा विज्ञान), टाइपिंग, तत्व ज्ञान, पुस्तकालय, विज्ञान, लेखा, वाणिज्य, शिक्षक प्रशिक्षण ।
गुरु –
मनोविज्ञान, धार्मिक या आध्यात्मिक शिक्षा, बीजगणित, द्वितीय भाषा, आरोग्यशास्त्र, विविध, अर्थशास्त्र, दर्शन, ।
शुक्र –
वेशभूषा, ललितकला (संगीत, नृत्य, अभिनय, चित्रकला आदि), फिल्म, टी०वी०, फैशन डिजायनिंग, काव्य साहित्य एवं अन्य विविध कलाएं।
शनि –
औद्योगिकी, भूगर्भशास्त्र, सर्वेक्षण, अभियांत्रिकी, यांत्रिकी, भवन निर्माण, मुद्रण कला (प्रिन्टिंग)।
राहु –
तर्कशास्त्र, एन्टी बायोटिक्स, इलेक्ट्रोनिक्स ।
केतु –
मंत्र-तंत्र सम्बन्धी ज्ञान, गुप्त विद्याएं।
ज्योतिष और आयुर्वेद
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विभिन् शरीर रचनाओं को नियन्त्रित करते हैं-
सूर्य – ग्रह से प्रभावित विभिन्न अङ्ग
अस्थि, जैव-विद्युत, श्वसनतन्त्र, नेत्र। चन्द्रमा– रक्त, जल, अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ (हार्मोन्स), मन।
मंगल – ग्रह से प्रभावित विभिन्न अङ्ग
यकृत, रक्तकणिकाएँ, पाचनतन्त्र।
बुध – ग्रह से प्रभावित विभिन्न अङ्ग
अंग-प्रत्यंग–स्थित तन्त्रिकातन्त्र, त्वचा।
बृहस्पति – ग्रह से प्रभावित विभिन्न अङ्ग
नाडीतन्त्र, स्मृति, बुद्धि ।
शुक्र – ग्रह से प्रभावित विभिन्न अङ्ग
वीर्य, रज, कफ, गुप्तांग ।
शनि – ग्रह से प्रभावित विभिन्न अङ्ग
केन्द्रीय नाडीतन्त्र ।
राहु एवं केतु – ग्रहों से प्रभावित विभिन्न अङ्ग
शरीर के अन्दर आकाश एवं अपानवायु ।
मेषादि द्वादश राशियों से संबन्धित रोग
मेष
मुखरोग, नेत्ररोग, सिरदर्द, मानसिक तनाव, मेदरोग, उन्माद एवं अनिद्रा ।
वृष
गले एवं श्वासनली के रोग, घटसर्प तथा आँख, नाक एवं गले के रोग ।
मिथुन
रक्तविकार, श्वास, फुफ्फुसरोग एवं मज्जारोग।
कर्क
हृदयरोग एवं रक्तविकार ।
सिंह
उदरविकार, मेदवृद्धि एवं वायुविकार।
कन्या
अमाशय के विकार, अपचन, मन्दाग्नि एवं कमर में दर्द।
तुला
मूत्राशय के रोग, मधुमेह, प्रदर, मूत्रकृच्छ एवं बहुमूत्र ।
वृश्चिक
गुप्तरोग, अर्श, उपदंश, भगंदर, शूक एवं संसर्गजन्य रोग ।
धनु
यकृत् दोष, ऋतु विकार, अस्थिभंग, मज्जारोग एवं रक्त दोष।
मकर
वातरोग, शीतरोग, चर्म रोग एवं रक्तचाप ।
कुम्भ
जलोदर, मानसिक रोग, ऐंठन एवं गर्मी ।
मीन
चर्मरोग, रक्तविकार, आमवात, असहिष्णुता ( एलर्जी). आय. ग्रन्थि, गठिया