संस्कृत उपसर्गाः वृतयः


प्र

प्र उपसर्ग का प्रयोग पञ्चदश अर्थों में होता हैं।

आदिकर्माणि, भृशार्थे, सम्भवे, नियोगे, शुद्धौ, शक्तौ, शान्तौ, अग्रे, उदीर्णे, ऐश्वर्ये, वियोगे, तृप्तौ, इच्छायाम्, पूजायां, दर्शने

संस्कृतेआङ्गलयांहिन्दियि
आदिकर्माणिThe original actionsमूल क्रियाएं
भृशार्थेIn the sense of a strongएक मजबूत के अर्थ में
सम्भवेPossiblyसंभवतः
नियोगेEmploymentरोजगार
शुद्धौPurificationशुद्धि
शान्तौPowersशान्तौ
शक्तौPeaceशक्तियाँ
अग्रेForwardआगे
उदीर्णेउदिरने
ऐश्वर्येIn luxury ऐश्वर्ये
वियोगेDisconnectionवियोगे
तृप्तौContentmentतप्तौ
इच्छायाम्In wish
पूजायांWarship
दर्शनेHindu philosophy